Friday, December 14, 2018

भारतीय संविधान सभा


कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों के आधार पर भारतीय संविधान की निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन जुलाई, 1946 ई० में किया गया।

संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गयी थी, जिनमें 292 ब्रिटिश  प्रान्तों के प्रतिनिधि4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे।

मिशन योजना के अनुसार जुलाई, 1946 ई० में संविधान सभा का चुनाव हुआ। कुल 389 सदस्यों में से प्रान्तों के लिए निर्धारित 296 सदस्यों के लिए चुनाव हुए। इसमें काँग्रेस को 208, मुस्लिम लीग को 73 स्थान एवं 15 अन्य दलों के तथा स्वतंत्र उम्मीदवार निर्वाचित हुए।

9 दिसम्बर, 1946 ई० को संविधान सभा की प्रथम बैठक नई दिल्ली स्थित कौंसिल चैम्बर के पुस्तकालय भवन में हुई। 
सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य डॉ०सच्चिदानन्द सिन्हा को 
सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया। मुस्लिम लीग ने इस बैठक का बहिष्कार किया और पाकिस्तान के लिए बिल्कुल अलग 
संविधान सभा की माँग प्रारंभ कर दी।

हैदराबाद एक ऐसी देशी रियासत थी, जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मिलित नहीं हुए थे।

प्रांतों या देशी रियासतों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में संविधान सभा में प्रतिनिधित्व दिया गया था ।

साधारणतः 10 लाख की आबादी पर एक स्थान का आवंटन किया गया था।


  प्रांतो का प्रतिनिधित्व मुख्यत :- तीन प्रमख समुदायों की जनसंख्या के  आधार पर विभाजित किया गया था, ये समुदाय थे मुस्लिम, सिक्ख एवं साधारण ।

संविधान सभा में ब्रिटिश प्रान्तों के 296 प्रतिनिधियों का विभाजन साम्प्रदायिक आधार पर। किया गया 213 सामान्य, 79 मुसलमान तथा 4 सिक्ख ।

संविधान सभा के सदस्यों में अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की संख्या 33 थी।

संविधान सभा में महिला सदस्यों की संख्या 12 थी।

11 दिसम्बर, 1946 ई० को डॉ० राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष निर्वाचित हुए।

संविधान सभा की कार्यवाही 13 दिसम्बर1946 ई० को जवाहर लाल नेहरू द्वारा पेश किये गये उद्देश्य प्रस्ताव के साथ प्रारंभ हुई।

22 जनवरी, 1947 ई० को उद्देश्य प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद संविधान सभा ने संविधान निर्माण हेतु अनेक समितियाँ नियुक्त कीं। इनमें प्रमुख थीं-वार्ता समिति, संघ संविधान समिति, प्रांतीय संविधान समिति, संघ शक्ति समिति, प्रारूप समिति ।

बी० एन० राव द्वारा तैयार किये गये संविधान के प्रारूप पर विचार विमर्श करने के लिए संविधान सभा द्वारा 29 अगस्त, 1947 ई० को एक संकल्प पारित करके प्रारूप समिति का गठन किया गया तथा इसके अध्यक्ष के रूप में डॉ० भीमराव आंबेडकर  को चुना गया।

प्रारूप समिति के सदस्यों की संख्या सात थी, जो इस प्रकार है-

1. डॉ० भीमराव आंबेडकर (अध्यक्ष)
2. एन० गोपाल स्वामी आयंगर
3. अल्लादी कृष्णा स्वामी अय्यर
4. कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
5. सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला
6. एन० माधव राव (बी० एल० मित्र के स्थान पर)
7. डी० पी० खेतान (1948 ई० में इनकी मृत्यु के बाद टी० टी०  कृष्णमाचारी को सदस्य बनाया गया)

संविधान सभा में आंबेडकर का निर्वाचन प० बंगाल से हुआ था।

3 जून, 1947 ई० की योजना के अनुसार देश का बँटवारा हो जाने पर भारतीय संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या 324 नियत की गयी, जिसमें 235 स्थान प्रान्तों के लिए और 89 स्थान देशी राज्यों  के लिये थे ।

देश-विभाजन के बाद संविधान सभा का पुनर्गठन 31 अक्टूबर, 1947 ई० को किया गया और 31 दिसम्बर1947 ई० को संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 299 थी, जिसमें प्रांतीय सदस्यों की संख्या 229 एवं देशी रियासतों के सदस्यों की संख्या 70 थी ।

प्रारूप समिति ने संविधान के प्रारूप पर विचार-विमर्श करने के बाद 21  फरवरी, 1948 ई० को संविधान सभा को अपनी रिपोर्ट पेश की।
  
संविधान सभा की प्रमुख समितियाँ एवं  उनके अध्यक्ष

1. संचालन समिति - डॉ० राजेन्द्र प्रसाद
2. संघ संविधान समिति -प० जवाहर लाल नेहरू
3.प्रांतीय संविधान समिति - सरदार बल्लभ भाई पटेल
4. प्रारूप समिति  -  डॉ० भीमराव आंबेडकर
5. संघ शक्ति समिति - प० जवाहर लाल नेहरू

संविधान सभा में संविधान का प्रथम  वाचन  4 नवम्बर ई०9 नवम्बर, 1948३० तक चला  संविधान पर दूसरा वाचन  15 नवम्बर, 1948 ई० को प्रारंम्भ हुआ, जो 17 अक्टूबर, 1949 ई० तक चला। संविधान सभा में संविधान का तीसरा  वाचन 14 नवम्बर, 1949 ई०
को प्रारंभ हुआ जो 26 नवम्बर, 1949 ई० तक चला और संविधान सभा द्वारा संविधान को पारित कर  दिया गया। इस समय संविधान सभा के 284 सदस्य  उपस्थित थे।

संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष, 11 महीना और 18 दिन लगे । संविधान के प्रारूप पर कुल 114 दिन बहस हुई। संविधान निर्माण कार्य में कुल मिलाकर 63,96,729 रु० व्यय है ।
  
संविधान को जब 26 नवम्बर, 1949 ई० को संविधान सभा द्वारा पारित किया गया, तब इसमें कुल 22 भाग, 395  अनुच्छेद और 8 अनुसूचियाँ थीं। वर्तमान समय में संविधान में 22 भाग
395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ हैं |


कैबिनेट मिशन (1945 ई०) के प्रस्ताव पर गठित 
अन्तरिम मंत्रिमंडल (2 सितम्बर, 1946)



             मंत्री           -       विभाग
1.जवाहरलाल नेहरू - कार्यकारी परिषद् 
  के उपाध्यक्ष विदेशी मामलेतथा राष्ट्रमंडल
2. बल्लभ भाई पटेल - गृह, सूचना तथा प्रसारण
3. बलदेव सिंह -   रक्षा
4. जान मथाई    उद्योग तथा आपूर्ति
5. सी० राजगोपालाचारी - शिक्षा
6. सी०एच० भाभा - कार्य, खान एवं बन्दरगाह
7. राजेन्द्र प्रसाद -  खाद्य एवं कृषि
8. आसफ अली - रेलवे
9. जगजीवन राम - श्रम

मंत्रिमंडल में शामिल मुस्लिम लीग के सदस्य

(26 अक्टूबर, 1946) :-

10. लियाकत अली खाँ  - वित्त
11. आई० आई० चुन्दरीगर - वाणिज्य
12. अब्दुल रब नश्तर - संचार
13. जोगेन्द्र नाथ मंडल - विधि
14. गजान्तर अली खाँ  -स्वास्थ्य

संविधान के कुल अनुच्छेदों में से 15 अर्थात् 5,6,7,8,9,60, 324, 366, 367, 372, 380, 388, 391, 392 तथा 393 अनुच्छेदों को 26 नवम्बर, 1949 ई० को ही प्रवर्तित कर दिया गया; जबकि शेष अनुच्छेदों को 26 जनवरी, 1950 ई० को लागू किया गया।

संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी, 1950 ई०को हुई और उसी दिन संविधान सभा के द्वारा डॉ० राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।

केबिनेट मिशन के सदस्य सर स्टेफोर्ड क्रिप्सलॉर्ड पेथिक लारेंस तथा ए० बी० एलेक्जेण्डर थे।

नोट : 26 जुलाई, 1947 को गवर्नर जनरल ने पाकिस्तान के  लिए पृथक संविधान सभा स्थापना की घोषणा की।





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